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Practice Questions for Class 9 Hindi – B Chapter 6 Diye jal uthe

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CBSE Class 9 Hindi Ch – 6

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Extra Questions for Class 9 Hindi – B Chapter 6

Ch-6 दिए जल उठे


  1. महि सागर नदी नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

  2. रघुनाथ काका कौन थे? उन्हें लोगों ने निषादराज क्यों कहना शुरू कर दिया? ‘दिए जल उठे’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

  3. “यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करूँगा।” गाँधी जी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?

  4. जज को पटेल की सजा के लिए आठ पंक्तियों का फैसला लिखने में डेढ़ घण्टा क्यों लगा? ‘दिए जल उठे’ पाठ के आधार पर लिखिए।

  5. ‘दिए जल उठे’ पाठ के द्वारा लेखक क्या प्रेरणा देना चाहता है?

  6. “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें” गाँधी जी ने यह किसके लिए और किस सन्दर्भ में कहा?

  7. ‘मैं चलता हूँ अब आपकी बारी है’ सरदार पटेल के इस कथन का ‘दिए जल उठे’ पाठ के सन्दर्भ में आशय स्पष्ट कीजिए।

  8. सरदार पटेल की गिरफ्तारी का देश पर क्या असर हुआ?

Ch-6 दिए जल उठे


Answer

  1. महि सागर नदी के दोनों किनारे पर मेला-सा लगा था। आधी रात को, सत्याग्रहियों को, घुप्प अँधेरी रात में, ग्रामीणों के हाथों में जलते हुए दिए राह दिखाने के लिए जगमगा रहे थे। एक तरफ भजन मण्डलियाँ गा रही थीं, दूसरी तरफ दांडिया रास में निपुण दरबारों के बोल पूँज रहे थे। गाँधी, नेहरू और सरदार पटेल की जय-जयकार के नारे लग रहे थे। सभी में देश के प्रति प्रेम एवं त्याग की भावना थी।
  2. रघुनाथ काका बदलपुर के रहने वाले थे। उनके पास काफी जमीन थी और उनकी नावें भी चलती थीं । गाँधी जी को महि सागर नदी पार कराने की जिम्मेदारी रघुनाथ काका को सौंपी गई थी। उन्होंने इस कार्य के लिए नई नावे खरीदी और लेकर कनकपुर पहुँच गए। जिस प्रकार श्रीराम को निषादराज ने गंगा पार कराई थी, उसी प्रकार रघुनाथ काका ने गाँधी जी को महि सागर नदी पार कराई थी। इसलिए सत्याग्रहियों ने उन्हें निषादराज कहना शुरू कर दिया
  3. गाँधी जी से लोगों ने थोड़ी-सी यात्रा कार से कर लेने का अनुरोध किया, क्योंकि रास्ता रेतीला था। लेकिन गाँधी जी ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि यह उनके जीवन की आखिरी यात्रा है और ऐसी यात्रा में निकलने वाला वाहन का प्रयोग नहीं करता। यह पुरानी रीति है। धर्म-यात्रा में हवाई जहाज, मोटर या बैलगाड़ी में बैठकर जाने वाले को लाभ नहीं मिलता।
  4. बल्लभभाई पटेल को निषेधाज्ञा के उल्लंघन के अपराध में गिरफ्तार किया गया । बोरसद की अदालत में लाया गया जहाँ उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया। जज के समक्ष यह समस्या थी कि वह उन्हें किस धारा के तहत और कितनी सजा दे। इस कारण उसे पटेल की सजा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने में डेढ़ घण्टा लगा।
  5. ‘दिए जल उठे’ पाठ द्वारा लेखक ने समर्पण एवं निस्वार्थ भावना की प्रेरणा दी है। महि सागर नदी को आधी रात में पार करने का निर्णय लिया गया था, ताकि समुद्र का पानी चढ़ने पर कीचड़ और दलदल कम हो जाए। अँधेरी रात थी। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। थोड़ी ही देर में कई हजार लोग दिए लेकर नदी के तट पर पहुँच गए और आपसी मेलजोल के कारण सत्याग्रहियों को नदी पार कराने में कामयाब हुए।
  6. गाँधी ने यह वाक्य दरबारों के लिए कहा। दरबार रास में रहते हैं, परन्तु इनकी मुख्य बस्ती कनकपुर और उससे सटे गाँव देवण में है। यह लोग रियासतदार होते थे। इनका जीवन ऐशो-आराम का था। इनका राजपाट था। फिर भी ये सब कुछ छोड़कर यहाँ आकर बस गए। गाँधी जी ने इनके त्याग के विषय में उपर्युक्त वाक्य कहा।
  7. पटेल को अंग्रेज सरकार ने कानून तोड़ने के अपराध में तीन माह की सजा सुनाई। पटेल दांडी मार्च कार्यक्रम के प्रमुख नेताओं में से थे। वे सक्रिय कार्यकर्ता थे। गिरफ्तारी के कारण उनका जन अभियान रुक गया था। अब यह काम आश्रमवासियों तथा गाँधी को करना था। इसलिए पटेल ने ऐसा कहा।
  8. सरदार पटेल की गिरफ्तारी से देश भर में प्रतिक्रिया हुई। दिल्ली में मदन मोहन मालवीय ने एक प्रस्ताव द्वारा इसके लिए सरकार की भर्त्सना की। प्रस्ताव के लिए अनेक नेताओं ने अपनी राय सदन में रखी तथा इसे अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर खतरा बताया गया।
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