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CBSE Question Paper 2008 Class 12 Hindi Core
CBSE Question Paper 2008 Class 12 Hindi Core
निर्देश:
- कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न-पत्र में 14 प्रश्न हैं।
- कृपया प्रश्न का उत्तर लिखना शुरू करने से पहले, प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
खण्ड क
1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2×5=10)
जब कभी मछेरे को फेंका हुआ
फैला जाल
समेटते हुए, देखता हूँ
तो अपना सिमटता हुआ
‘स्व’ याद हो आता है-
जो कभी समाज, गाँव और
परिवार के वृहत्तर रकबे में
समाहित था
‘सर्व’ की परिभाषा बनकर
और अब केन्द्रित हो
गया हूँ, मात्र बिन्दु में।
जब कभी अनेक फूलों पर
बैठी, पराग को समेटती
मधुमक्खियों को देखता हूँ
तो मुझे अपने पूर्वजों की
याद हो आती है,
जो कभी फूलों को रंग, जाति, वर्ग
अथवा कबीलों में नहीं बाँटते थे
और समझते रहे थे कि
देश एक बाग है,
और मधु-मनुष्यता
जिससे जीने की अपेक्षा होती है।
किन्तु अब
बाग और मनुष्यता
शिलालेखों में जकड़ गई है
मात्र संग्रहालय की जड़ वस्तुएँ।
(क) कविता में प्रयुक्त ‘स्व’ शब्द से कवि का क्या अभिप्राय है? उसकी जाल से तुलना क्यों की गई है?
(ख) कवि का ‘स्व’ पहले कैसा था और अब कैसा हो गया है और क्यों?
(ग) कवि को अपने पूर्वजों की याद कब और क्यों आती है?
(घ) उसके पूर्वजों की विचारधारा पर टिप्पणी लिखिए।
(ङ) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए:
“और मनुष्यता
शिलालेखों में जकड़ गई है।”
अथवा
तू हिमालय नहीं, तू न गंगा-यमुना
तू त्रिवेणी नहीं, तू न रामेश्वरम्
तू महाशील की है अमर कल्पना
देश ! मेरे लिए तू परम वंदना।
मेघ करते नमन, सिंधु होता चरण,
लहलहाते सहस्त्रों यहाँ खेत-वन।
नर्मदा-ताप्ती, सिंधु, गोदावरी,
हैं कराती युगों से तुझे आचमन।
तू पुरातन बहुत, तू नए से नया
तू महाशील की है अमर कल्पना।
देश ! मेरे लिए तू महा अर्चना।
शक्ति-बल का समर्थक रहा सर्वदा,
तू परम तत्व का नित विचारक रहा।
शांति-संदेश देता रहा विश्व की।
प्रेम-सद्भाव का नित प्रचारक रहा।
सत्य औ’ प्रेम की है परम प्रेरणा
देश ! मेरे लिए तू महा अर्चना।
(क) कवि का देश को ‘महाशील की अमर कल्पना’ कहने से क्या तात्पर्य है?
(ख) भारत देश पुरातन होते हुए भी नित नूतन कैसे है?
(ग) ‘तू परम तत्व का नित विचारक रहा’ पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
(घ) देश का सत्कार प्रकृति कैसे करती है? काव्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ङ) “शांति-संदेश ….. रहा” काव्य-पंक्तियों का अर्थ बताते हुए इस कथन की पुष्टि में इतिहास से कोई एक प्रमाण दीजिए।
2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2×5=10)
वैदिक युग भारत का प्राय: सबसे अधिक स्वाभाविक काल था। यही कारण है कि आज तक भारत का मन उस काल की और बार-बार लोभ से देखता है। वैदिक आर्य अपने युग को स्वर्णकाल कहते थे या नहीं, यह हम नहीं जानते, किन्तु उनका समय हमें स्वर्णकाल के समान अवश्य दिखाई देता है। लेकिन जब बौद्ध युग का आरम्भ हुआ, वैदिक समाज की पोल खुलने लगी और चिंतकों के बीच उसकी आलोचना आरम्भ हो गई। बौद्ध-युग अनेक दृष्टियों से आज के आधुनिकता-आन्दोलन के समान था। ब्राह्माणों की श्रेष्ठता के विरुद्ध बुद्ध ने विद्रोही का प्रचार किया था, जाति-प्रथा के बुद्ध विरोधी थे और मनुष्य को वे जन्मता नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अक्षम मानते थे। नारियों को भिक्षुणी होने का अधिकार देकर उन्होंने यह बताया था कि मोक्ष केवल पुरुषों के ही निमित्त नहीं है, उसकी अधिकारिणी नारियाँ भी हो सकती है। बुद्ध की ये सारे बातें भारत को याद रही हैं और बुद्ध के समय से बराबर इस देश में ऐसे लोग उत्पन्न होते रहे हैं, जो जाति-प्रथा के विरोधी थे, जो मनुष्य को जन्मता नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अधम समझते थे। किन्तु बुद्ध में आधुनिकता से बेमेल बात यह थी कि वे निवृत्तिवादी थे, गृहस्थी के कर्म से वे भिक्षु-धर्म को श्रेष्ठ समझते थे। उनकी प्रेरणा से देश के हजारों-लाखों युवक, जो उत्पादन बढ़ाकर समाज का भरण-पोषण करने के लायक थे, संन्यासी हो गए। संन्यास की संस्था समाज-विरोधिनी संस्था है।
(क) वैदिक युग स्वर्णकाल के समान क्यों प्रतीत होता है?
(ख) जाति-प्रथा एवं नारियों के विषय में बुद्ध के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
(ग) बुद्ध की कौन-सी बात आधुनिकता के प्रसंग में ठीक नहीं बैठती?
(घ) संन्यास की संस्था से समाज को क्या हानि पहुँचती है?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
खण्ड ख
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 200 शब्दों में निबन्ध लिखिए: (5)
(क) विश्व-क्रिकेट में भारत का स्थान
(ख) जनसंख्या-विस्फोट: एक समस्या
(ग) पुस्तक-मेले व उनकी सार्थकता
(घ) हूँ मज़दूर, मगर निर्माता
4. आपके क्षेत्र में स्थित एक औद्योगिक संस्थान का गन्दा पानी आपके नगर की नदी को दूषित कर रहा है। प्रदूषण-नियंत्रण-विभाग के मुख्य अधिकारी को पत्र द्वारा इस समस्या से अवगत कराइए। (5)
अथवा
‘स्टिग ऑपरेशन’ खोजी पत्रिकारिता का महत्त्वपूर्ण अंग है, पर इसका निजी जीवन में दख़ल भी बढ़ता जा रहा है। इस विषय पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए किसी समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए: (1×5=5)
(क) ‘प्रिंट माध्यम’ से आप क्या समझते हैं?
(ख) स्तंभ-लेखन का क्या तात्पर्य है?
(ग) संपादकीय में लेखक का नाम क्यों नहीं दिया जाता?
(घ) हिन्दी में प्रकाशित होने वाले किन्हीं चार राष्ट्रीय समाचार-पत्रों के नाम लिखिए।
(ङ) अंशकालिक संवाददाता किसे कहा जाता हैं?
6. ‘कृषकों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति’ अथवा ‘शहरों का दमघोंटू वातावरण’ विषय पर लगभग 150 शब्दों में एक फ़ीचर का आलेख तैयार कीजिए। (5)
खण्ड ग
7. निम्नलिखित काव्यांशों में से किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: (5+5=10)
(क) धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूतु कहौ, जोलहा कहौ कोऊ।
काहू की बेटीसों बेटा न ब्याहब, काहू की जाति बिगार न सोऊ।।
तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ।
माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको एकु न दैबको दोऊ।।
(ख) तिरती है समीर-सागर पर
अस्थिर सुख पर दुख की छाया-
जग के दग्ध हृदय पर
निर्दय विप्लव की प्लावित माया-
यह तेरी रण-तरी
भरी आकांक्षाओं से,
घन, भेरी-गर्जन से सजग सुप्त अंकुर
उर में पृथ्वी के, आशाओं से
नवजीवन की, ऊँचा कर सिर
ताक रहे हैं, ऐ विप्लव के बादल।
(ग) मैं यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ,
उन्मादों में अवसाद लिए फिरता हूँ,
जो मुझको बाहर हँसा, रुलाती भीतर,
मैं, हाय, किसी की याद लिए फिरता हूँ !
8. निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2+2+2=6)
कविता एक उड़ान हैं चिड़िया के बहाने
कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
कविता के पंख लगा उड़ने के माने
चिड़िया क्या जाने?
(क) काव्यांश के कथ्य के सौन्दर्य को स्पष्ट कीजिए।
(ख) इन पंक्तियों की भाषागत विशेषताओं की चर्चा कीजिए।
(ग) ‘कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने’ पंति के भावगत सौन्दर्य पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
अथवा
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं
डाल की तरह लचीले वेग से अकसर
छतों के ख़तरनाक किनारों तक-
उस समय गिरने से बचाता है उन्हें
सिर्फ़ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत।
(क) “जन्मः ……….. कपास” पंक्ति में कपास से बच्चों का क्या सम्बन्ध है? स्पष्ट कीजिए।
(ख) “छतों को भी नरम बनाते हुए” – काव्य-पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
(ग) छतों के ख़तरनाक किनारों से वे कैसे बच पाते हैं? इस संदर्भ में “डाल की तरह लचीला वेग” कथन का सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।
9. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2+2=4)
(क) ‘सहर्ष स्वीकारा है’ कविता किसको व क्यों स्वीकारने की प्रेरणा देती है?
(ख) ‘लक्ष्मण-मूर्च्छा और राम का विलाप’ काव्यांश के आधार पर भ्रातृशोक में विह्वल राम की दशा को अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए।
(ग) ‘छोटा मेरा खेत’ कविता में छोटे चौकोने खेत को ‘कागज़ का पन्ना’ क्यों कहा गया है?
10. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2+2+2+2=8)
हम आज देश के लिए करते कया हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटख़ारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल के दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी की फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते है। आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?
(i) “हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी है।“ -कथन के द्वारा लेखक देशवासियों की किस मानसिकता पर व्यंग्य कर रहा है?
(ii) देश के नागरिकों के चरित्र में किस गुण का अभाव है? उस अभाव का कारण क्या है?
(iii) हम किस बात के लिए दूसरों की आलोचना करते हैं? क्या हम वास्तव में उस आलोचना करने के अधिकारी हैं?
(iv) नीचे लिखे अंश में निहित अर्थ स्पष्ट कीजिए:
“काले मेघा दल के दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी की फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं।”
अथवा
शिरीष तरु सचमुच पक्के अवधूत की भाँति मेरे मन में ऐसी तरंगें जगा देता है जो ऊपर की ओर उठती रहती हैं। इस चिलकती धूप में इतना इतना सरस वह कैसे बना रहता है? क्या ये बाह्य परिवर्तन – धूप, वर्षा, आँधी, लू – अपने आप में सत्य नहीं हैं? हमारे देश के ऊपर से जो यह मार-काट, अग्निदाह, लूट-पाट, खून-खच्चर का बवंडर बह गया है, उसके भीतर भी क्या स्थिर रहा जा सकता है? शिरीष रह सका है। अपने देश का एक बूढ़ा रह सका था। क्यों मेरा मन पूछता है कि ऐसा क्यों सम्भव हुआ? क्योंकि शिरीष भी अवधूत है।
(i) शिरीष के वृक्ष की तुलना अवधूत से क्यों की गई है? यह वृक्ष लेखक में किस प्रकार की भावना जगाता है?
(ii) चिलकती धूप में भी सरस रहने वाला शिरीष हमें क्या प्रेरणा दे रहा है?
(ii) गद्यांश में देश के ऊपर से किस बवंडर के गुज़रने की ओर संकेत किया गया है?
(iv) ‘अपने देश का एक बूढ़ा’ – कौन था? उस बूढ़े और शिरीष में समानता का आधार लेखक ने क्या माना है?
11. निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (3+3+3+3=12)
(क) भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा?
(ख) ‘बाज़ार दर्शन’ पाठ के आधार पर बताइए कि पैसे की पावर का रस किन दो रूपों में प्राप्त किया जाता है।
(ग) ‘पहलवान की ढोलक’ कहानी के किस-किस मोड़ पर लुट्टन के जीवन में क्या-क्या परिवर्तन आए?
(घ) ‘चार्ली चैप्लिन यानी हम सब’ के लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण किसे कहा और क्यों? गाँधी और नेहरू ने भी उनका सात्रिध्य क्यों चाहा?
(ङ) नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्व के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
12. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उतर दीजिए: (3+3+3=9)
(क) क्या पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव को ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी की मूल संवेदना कहा जा सकता है? तर्क-सहित उत्तर दीजिए।
(ख) श्री सौंदलगेकर के अध्यापन की उन विशेषताओं का उल्लेख करें जिन्होंने कविताओं के प्रति ‘जूझ’ पाठ के लेखक के मन में रुचि जगाई।
(ग) पुरातत्व के कौन-से चिह्न ऐसे हैं जिनसे यह सिद्ध होता है कि “सिंधु सभ्यता ताकत से शासित होने की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता थी?”
(घ) ‘डायरी के पत्रे’ पाठ के आधार पर बताइए कि ऐन की डायरी उसके सुख-दुख का भावनात्मक दस्तावेज़ भी है।
13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर दीजिए: (3+3=6)
(क) ‘ऐन की डायरी’ एक ऐतिहासिक दौर का जीवन्त दस्तावेज़ है – इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
(ख) ‘जूझ’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी लिखिए।
(ग) क्या पीढ़ी के अन्तराल को ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी की मूल संवेदना कहा जा सकता है? तर्क-सहित उत्तर दीजिए।
14. ‘सिल्वर वैडिंग’ के कथानायक यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है – इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए। (5)
अथवा
नदी, कुएँ, स्नानागार और बेजोड़ निकासी-व्यवस्था के आधार पर लेखक सिंधु घाटी सभ्यता को जल संस्कृति’ कहना चाहता है। लेखक के इस विचार के पक्ष या विपक्ष में अपने तर्क दीजिए।
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