CBSE - Class 12 - इतिहास - पुनरावृति नोट्स
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पुनरावृति नोट्स for Class 12 इतिहास
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CBSE Revision Notes for class 12 इतिहास
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CBSE Class 12 इतिहास Chapter-wise Revision Notes
- पाठ-01 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ (हड़प्पा सभ्यता)
- पाठ-02 राजा, किसान और नगर
- पाठ-03 बंधुत्व, जाति तथा वर्ग आरंभिक समाज
- पाठ-04 विचारक, विश्वास आरै इमारतें (सांस्कृतिक विकास)
- पाठ-05 यात्रियों के नज़रिए-समाज के बारे में उनकी समझ
- पाठ-6 भक्ति सूफी परंपराएँ
- पाठ-7 एक साम्राज्य की राजधानी : विजयनगर
- पाठ-08 किसान, जमींदार और राज्य
- पाठ-9 शासक और इतिवृत्त: मुग़ल दरबार
- पाठ-10 उपनिवेशवाद और देहात
- पाठ-11 विद्रोही और राज
- पाठ-12 औपनिवेशिक शहर
- पाठ-13 महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन सविनय अवज्ञा और उससे आगे
- पाठ-14 विभाजन को समझना
- पाठ-15 संविधान का निर्माण एक नए युग की शुरूआत
Free Download of CBSE Class 12 Revision Notes
Key Notes for CBSE Board Students for Class 12. Important topics of all subjects are given in these CBSE notes. These notes will provide you overview of the chapter and important points to remember. These are very useful summary notes with neatly explained examples for best revision of the book.
CBSE Class-12 Revision Notes and Key Points
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सीबीएसई कक्षा 12 इतिहास
पाठ – 01 ईंटें, मनके तथा अस्थियाँ (हड़प्पा सभ्यता)
पुनरावृत्ति नोट्स
स्मरणीय बिन्दु-
- हड़प्पा संस्कृति की सिंधु नदी की घाटी में फैले होने के कारण सिंधु घाटी की सभ्यता भी कहते हैं। पुरातात्विक संस्कृति शब्द का प्रयोग पुरावस्तुओं के ऐसे समूह के लिए करते है जो एक विशिष्ट शैली के होते है और सामान्यतया एक साथ, एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र तथा काल–खण्ड से संबंधित पाए जाते हैं।
- हड़प्पा सभ्यता का नामकरण- हड़प्पा नामक स्थान जहाँ यह संस्कृति पहली बार खोजी गई थी उसी के नाम पर किया गया है।
- हड़प्पा संस्कृति के दो प्रसिद्ध केन्द्र हड़प्पा और मोहनजोदड़ो हैं।
- हड़प्पा सभ्यता की खोज 1921-22 में दया राम साहनी, रखालदास बनर्जी और सर जॉन मार्शल के नेतृत्व में हुई।
- हड़प्पा सभ्यता का काल (विकसित सभ्यता) 2600 ईसा पूर्व और 1900 ईसा पूर्व के बीच माना जाता है।
- सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे, विशिष्ट पुरावस्तु - मुहर - यह सेलखड़ी नामक पत्थर से बनाई जाती थी।
- हड़प्पा सभ्यता की जानकारी के प्रमुख स्रोत- मदृभाण्ड, भौतिक अवशेष, आभूषण, औजार, मोहरें, इमारतें, खुदाई में मिले सिक्के इत्यादि।
- हड़प्पाई संस्कृति के प्रमुख क्षेत्र- अफगानिस्तान, जम्मू, ब्लूचिस्तान (पाकिस्तान), गुजरात, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश।
- इसके प्रमुख स्थल - नागेश्वर, बालाकोट, चन्हुदड़ो, कोटदीजी, धौलावीरा, लोथल, कालीबंगन, बनावली, राखीगढ़ी इत्यादि।
- यह एक नगरीय सभ्यता थी। इसकी सबसे प्रमुख विशेषता इसकी नगर निर्माण योजना है।
- हड़प्पा स्थलों से मिले अनाज के दानों में - गेहूं, जौ, दाल, सफेद चना तथा तिल शामिल हैं |
- हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख जानवर - भेंड़, बकरी, भैंस तथा सूअर। वृषभ (बैल) का प्रयोग – कृषि कार्य में खेत जोतने के लिए किया जाता था।
- हड़प्पा सभ्यता की बस्तियाँ दो भागों में विभाजित थीं - दुर्ग और निचला शहर
- हड़प्पा सभ्यता में सड़कों तथा गलियों को लगभग एक ग्रिड, पद्धति पर बनाया गया था और ये एक दूसरे को समकोण पर काटती थीं।
- जल निकास प्रणाली अनूठी थी घरो के गन्दे पानी की नालियों को गली की नालियों से जोड़ा गया था। नालियां पक्की ईटो से बनाई गयी थी।
- निचला शहर आवासीय भवनो के उदाहरण प्रस्तुत करता है तथा दुर्ग पर बनी संरचनाओं का प्रयोग संभवतः विशिष्ट सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए किया जाता था।
- नहरें, कुएं, जलाशय - सिंचाई के प्रमुख स्रोत थे।
- विशाल स्नानागर - एक आयताकार जलाशय है। जो चारों ओर से एक गलियारे से घिरा हुआ है। जलाशय के तल तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी थीं।
- हड़प्पा सभ्यता के शवाधनों में आमतौर पर मृतकों को गर्तों में दफनाया गया था। उनके साथ मृदभाण्ड और अवशेष मिले हैं।
- आभूषणों व मनकों को तौलने के लिए - बाँट का प्रयोग होता था। यह चर्ट नामक पत्थर से बनाये जाते थे।
- मनकों के निर्माण में प्रयुक्त पदार्थों - कार्नीलियन (सुन्दर लाल रंग का) जैस्पर, स्फटिक, क्वार्ट्ज तथा सेलखड़ी जैसे पत्थर - तांबा, काँसा तथा सोने जैसी, धातुएँ तथा शंख फ्यॉन्स और पकी मिट्टी, सभी का प्रयोग मनके बनाने में होता था। इनके आकार जैसे- चक्राकार, बेलनाकार, गोलाकार तथा खंडित होते थे।
- मुहरों और मुद्रांकनों का प्रयोग- लंबी दूरी के संपर्कों को सुविधाजनक बनाने के लिए होता था।
- हड़प्पा में पाई जाने वाली लिपि को पढ़ने में विद्वान अभी तक असमर्थ है।
- हड़प्पा की लिपि वर्णमालीय थी। इसमें चिन्हों की संख्या लगभग 375 से 400 के बीच थी तथा संभवतः दाई से बाई और लिखी जाती थी।
- हड़प्पा सभ्यता का विनाश - जलवायु परिवर्तन वनों की कटाई, बाढ़, नदियों का सूख जाना मार्ग बदलन, भूकम्प, बाहरी आक्रमण इत्यादि कारण हुआ।
महत्वपूर्ण बिन्दु
हड़प्पा सभ्यता का काल
पूर्व हड़प्पा 2600 ई. पू. से पहले
परिपक्क हड़प्पा 2600 ई. पू. से 1900 ई. पू. तक
उत्तर हड़प्पा 1900 ई. पू. के बाद
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